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बाबा भलकू को याद करने शिमला-कालका ट्रेन में निकली साहित्यकारों की टोली
Last Updated on July 8, 2023 by sintu kumar
शिमला। विश्व धरोहर शिमला-कालका रेललाइन (Kalka Shimla Rail Track) पर चलती ट्रेन में शनिवार को साहित्यकारों (Literati) का अनूठा संगम देखने को मिला, जब देशभर के 15 लेखकों और कवियों ने कविताओं का मंचन करते हुए शिमला तक का सफर किया।
कालका-शिमला और भारत-तिब्बत रोड के सर्वे और निर्माण में ऐतिहासिक योगदान देने वाले बाबा भलकू (Baba Bhalku) की स्मृति में यह यात्रा की। शनिवार को शिमला पहुंचने के बाद लेखकों, कवियों और कहानीकारों की यह टोली बड़ोग (Badog) जाएगी। उसके बाद रविवार को टोली बस से बाबा भलकू के गांव चायल का दौरा कर उनके वंशजों से भी मुलाकात करेगी। यह यात्रा पिछले 5 वर्ष से हर साल होती है।
स्टेशनों के नाम पर कविताएं, कहानियां
शिमला तक के सफर में हर स्टेशन के नाम पर कविता, कहानियों के अलग-अलग सत्र आयोजित किए गए। हिमालय साहित्य, संस्कृति एवं पर्यावरण मंच के सदस्यों के अलावा देश के अलग-अलग राज्यों से 15 नामी लेखक और कवि सफर का आनंद उठाया और कविताओं के माध्यम से बाबा भलखू के योगदान को स्मरण किया। चलती रेल में कहानी, संस्मरण, कविता, गीत, गजल, संगीत के कई सत्र आयोजित किए गए। पहला सत्र शिमला रेलवे स्टेशन (Shimla Railway Station) के नाम रहा। यहां लेखकों का सम्मान करने के बाद कालका शिमला रेलवे के इतिहास और भलखू जमादार के योगदान को लेकर जानकारी दी गई।
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