Basant Panchami 2024 - जानें बसंत पंचमी पूजा शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

  • 2024-01-23
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बसंत पंचमी का पर्व देवी सरस्वती के जन्मोत्सव रुप में संपूर्ण भारतवर्ष में उत्साह के साथ मनाया जाता है। देवी सरस्वती को विद्या की देवी के रुप में पूजा जाता है। इस समय पर विद्यालयों और अन्य सभी प्रकार के शिक्षण संस्थानों पर देवी सरस्वती का पूजन होता है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से विद्यार्थियों को बुद्धि और विद्या का वरदान मिलता है। इस पर्व पर लोग पीले रंग का उपयोग बहुत करते हैं। पीले रंग के फूलों से देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। देवी सरस्वती की पूजा करने के साथ ही देवी की आरती करने का भी विशेष महत्व होता है। 

बसंत पंचमी पूजा मुहूर्त समय 

हिंदु पंचांग/Hindu Panchang अनुसार इस साल बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024, शनिवार के दिन मनाई जाएगी

पंचमी तिथि आरंभ: फरवरी 13, 2022 को दोपहर 02:41 

पंचमी तिथि समाप्त: फरवरी 14, 2022 को दोपहर 12:09 

वसन्त पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त: प्रात:काल 07:00 से 12:35 तक

पुजा अवधि: 05 घण्टे 35 मिनट

इन कामों को करने से मिलेगा ज्ञान का वरदान  

बसंत पंचमी/Basant Panchami को सबसे शुभ समय में से एक माना गया है, मान्यताओं के अनुसार इस दिन किया जाने वाला कार्य शुभता को प्राप्त होता है। कार्य की सिद्धि हेतु यह दिन अत्यंत उपयोगी बताया गया है। विद्या की देवी सरस्वी के प्रकाट्य दिवस के रुप में मनाया जाने वाला ये पर्व दर्शाता है कि किसी प्रकार जब ज्ञान का आगमन होता है तो अंधकार स्वत: ही समाप्त हो जाता है। मानव विकास के क्रम में इसी ज्ञान ने ही तो हमें अंधकार से बाहर निकाल कर ब्रह्माण तक पहुंचने में मदद प्राप्त की और भारतीय संस्कृति में तो योगीजनों ने सदैव की इस ज्ञान को संचित करते हुए सभी तक फैलाया है। 

इस शुभ दिवस के दिन यदि कुछ कार्यों को किया जाए तो उनके प्रभाव से इसकी शुभता में असीम वृद्धि देखने को मिलती है क्योंकि यदि ज्ञान का भंडार है तो सभी चीजों को प्राप्त करने में आप सक्षम बन ही जाते हैं तो आईये जानते हैं वो कौन से कार्य हैं जिन्हें इस शुभ दिन पर करने से जीवन को समृद्धिशाली एवं खुशहाल बनाया जा सकता है।  

पीले वस्त्रों का उपयोग 

बसंत पंचमी के दिन यदि पीले वस्त्रों का उपयोग किया जाए तो यह एक अत्यंत ही शुभदायक होता है। इस दिन पीले वस्त्रों को पहनने से देह एवं मन दोनों को ही शुभता प्राप्त होती है। 

पीले रंग का मिष्ठान 

बसंत पंचमी के दिन भोग एवं नैवेद्य हेतु पीले रंग से बने मिष्ठानों का उपयोग अत्यंत शुभ होता है। इस दिन केसर-हल्दी का उपयोग करके जो भी मिष्ठान बनाए जाते हैं उनका भगवान को भोग अर्पित करना एवं उस प्रसाद को सभी के साथ ग्रहण करने से आयुष, आरोग्य एवं यश की प्राप्ति होती है। 

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चंदन एवं पीले-सफेद रंग के पुष्पों का उपयोग 

बसंत पंचमी के दिन केसर की ही भांति चंदन को भी उपयोग में लाया जाना शुभ होता है पीला चंदन तथा पीले पुष्पों के साथ देवी सरस्वती का पूजन करना चाहिए। देवी को केसर, हल्दी एवं चंदन से तिलक करना चाहिए तथा पीले-श्वेत पुष्पों की माला अर्पित करनी चाहिए। 

भगवान गणेश एवं सरस्वती वंदना 

वर्णानमर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि मंगलानां कर्त्तारौ वन्दे वाणी विनायकौ

बसंत पंचमी के दिन सर्वप्रथम विध्नहर्ता श्री गणेश को नमन करते हुए गणेश वंदना करनी चाहिए तथा इसके पश्चात मां सरस्वती जी की वंदना अर्चना करनी चाहिए। ”  

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सरस्वती मंत्र जाप 

बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती के  ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नम:’ नामक मंत्र का जाप करना चाहिए। 

इसके अतिरिक्त इस शुभ दिन पर पवित्र नदीयों में स्नान करना, विद्या से जुड़ी चीजें, वाद्य यंत्र आदि का पूजन, सरस्वती एकाक्षरी मंत्रऐंका उच्चारण एवं लिखना चाहिए। 

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