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आसमानी आफत में इन 4 जिलों में किसी भी नेटवर्क पर कर पाएंगे बात
Last Updated on July 13, 2023 by sintu kumar
शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के रूप में बरसी आसमानी आफत (Natural Calamity) में मोबाइल नेटवर्क (Mobile Network) को हुए नुकसान को देखते हुए राज्य के 4 जिलों- चंबा, कुल्लू, मंडी और लाहौल-स्पीति में इंट्रा सर्कल रोमिंग (ICR) लागू कर दिया गया है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मोबाइल फोन से किसी भी कंपनी के मोबाइल नेटवर्क पर बात कर पाएंगे। यानी अगर आपके सर्विस प्रोवाइडर का नेटवर्क नहीं मिल रहा हो तो दूसरे सर्विस प्रोवाइडर कंपनी (TSP) के नेटवर्क पर भी बात हो जाएगी।
करना होगा यह आसान सा उपाय
बारिश, बाढ़ या लैंडस्लाइड (Lanslide) जैसे हालात में अगर आपके मोबाइल पर नेटवर्क नहीं मिल रहा हो तो आप सेटिंग में जाकर नेटवर्क को मैन्यूअल बदल सकेंगे। ऑटो नेटवर्क करने पर भी मोबाइल किसी और कंपनी का उपलब्ध नेटवर्क पकड़ लेगा और आप अपनी स्थिति के बारे में सूचना दे पाएंगे। आप किसी भी उपलब्ध नेटवर्क का चुनाव कर सकेंगे। दूरसंचार विभाग ने सभी टेलीकॉम कंपनियों से जल्द से जल्द टेलीकॉम नेटवर्क की बहाली के लिए जरूरी इंतजाम करने को भी कहा है। दूरसंचार विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और टीएसपी पदाधिकारी राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय में स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं।
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कानूनी सेवा संस्थानों को मिले निर्देश
आपदा से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण ने रणनीति बनाई है। प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने प्रभावित लोगों की जरूरतें, भोजन, दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के दिए आदेश दिए हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण ने सभी जिला कानूनी सेवा प्राधिकरणों और उप विभागीय कानूनी सेवा समितियों को पीड़ितों की स्वास्थ्य देखभाल और स्वच्छता की निगरानी जैसे रणनीतिक हस्तक्षेप अपनाने का निर्देश दिया है। महिलाओं और बच्चों की ज़रूरतें, भोजन, दवाइयों और पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना, मूल्यवान दस्तावेजों की सहायता और पुनर्निर्माण के लिए प्रभावित क्षेत्रों में कानूनी सहायता क्लीनिक आयोजित करना, बीमा पॉलिसियों से संबंधित समस्याओं में सहायता करना, खोए हुए व्यवसाय और आजीविका के लिए बैंक ऋण की व्यवस्था करना इस आपदा के पीड़ितों की पीड़ा को कम करने के लिए आपदा आदि के कारण शारीरिक आघात और अवसाद के शिकार पीड़ितों के लिए परामर्श की व्यवस्था करना इसका लक्ष्य रखा गया है।