NCRB के आंकड़ों में हर घंटे 12 लोग का अपहरण

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NCRB के आंकड़ों में हर घंटे 12 लोग का अपहरण
NCRB के आंकड़ों में हर घंटे 12 लोग का अपहरण

देश में बीते साल अपहरण के एक लाख से ज्यादा मामले, इसमें 76 हजार से ज्यादा नाबालिग; हर घंटे 12 लोग अगवा। देश में हर 60 मिनट में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 51 घटनाएं होती हैं और इतने ही मिनट में तीन लोगों की हत्या हो जाती है। NCRB के आंकड़ों में हर घंटे 12 लोग का अपहरण

पिछले लगभग 12 महीने में अपराध के मामले में कौन सा प्रदेश कहां ठहरता है, यह समझने में एनसीआरबी के आंकड़े मदद करते हैं। 2022 में देश में प्रतिदिन 294 से अधिक अपहरण के मामले दर्ज किए गए। किडनैपिंग के मामले सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में सामने आए। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों में सिहरन पैदा करने वाले तथ्य सामने आए हैं। एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में प्रतिदिन 294 से अधिक अपहरण की वारदात को अंजाम दिया गया। इन आंकड़ों के अनुसार, देशभर में हर घंटे 12 किडनैपिंग के मामले दर्ज किए गए। राज्यवार आंकड़ों के मुताबिक अपहरण के मामले सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में सामने आए। एनसीआरबी के अनुसार, अपहरण की सबसे अधिक प्राथमिकी (एफआईआर) उत्तर प्रदेश में दर्ज की गईं।


साल 2022 में पूरे भारत में अपहरण के एक लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में देश में प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध की औसत दर 7.8 रही। ऐसे अपराधों में आरोप पत्र दायर करने की दर 36.4 थी। वार्षिक अपराध रिपोर्ट में एनसीआरबी ने बताया कि 2022 में देश में अपहरण के 1,07,588 मामले दर्ज किए गए। एक साल में आपराधिक घटनाएं लगभग छह हजार से अधिक बढ़ी हैं। पिछले साल आंकड़ा 1,01,707, जबकि 2020 में अपहरण के कुल मामले 84,805 थे। साल 2022 में 21,278 पुरुषों, 88,861 महिलाओं और एक ट्रांसजेंडर सहित कुल 1,10,140 लोगों के अपहरण (kidnapped or abducted) की खबरें सामने आईं। इसका मतलब करीब 8400 से अधिक मामलों की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज नहीं कराई गई।

इन 1.10 लाख से अधिक मामलों में से 76,069 नाबालिग (13,970 लड़के और 62,099 लड़कियां) थे। 34,071 अपहरण के मामलों में पीड़ित वयस्क थे। इनमें 7,308 पुरुष, जबकि 26,762 महिलाएं हैं। पीड़ितों में एक वयस्क ट्रांसजेंडर था। एनसीआरबी ने कहा कि 2022 में अपहरणकर्ताओं के पास कुल 1,17,083 पीड़ित पाए गए। इनमें 21,199 पुरुष, 95,883 महिला और एक ट्रांसजेंडर पीड़ित थे। 1,16,109 लोगों को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराने में कामयाबी मिली, जबकि 974 अपहृत लोग मृत पाए गए।

देश में हर 60 मिनट में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 51 घटनाएं होती हैं और इतने ही मिनट में तीन लोगों की हत्या हो जाती है। ये डरावने आंकड़े राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट में सामने आए हैं। रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि 19 महानगरों में स्थिति और चिंताजनक हो गई है जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले 2021 की तुलना में 2022 में 12.3 फीसदी बढ़े हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 2022 में हत्या के कुल 28,522 मामले दर्ज किए गए। यानी हर दिन औसतन 78 हत्याएं हुईं। 2021 में यह आंकड़ा 29,272 और 2020 में 29,193 था। वहीं, 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,45,256 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 के 4,28,278 मामलों की तुलना में चार फीसदी अधिक हैं।

बच्चों के खिलाफ हिंसा 8.7 फीसदी बढ़ी– 2022 में बच्चों के खिलाफ अपराध के कुल 1,62,449 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 की तुलना में 8.7 फीसदी अधिक हैं। इसमें 45.7 फीसदी मामले अपहरण और बंधक बनाए जाने और 39.7 फीसदी यौन उत्पीड़न से जुड़े थे।

यूपी में हत्या के सबसे ज्यादा मामले – हत्या के सबसे ज्यादा मामले (3,491) यूपी में दर्ज किए गए। फिर -बिहार (2,930), महाराष्ट्र (2,295), मध्य प्रदेश (1,978) और राजस्थान (1,834) का नंबर रहा। हत्या के 43.92 फीसदी मामले अकेले इन्हीं राज्यों में दर्ज किए गए। केंद्रशासित राज्यों में दिल्ली सबसे आगे रही, जहां हत्या के 509 मामले दर्ज किए गए।

साइबर अपराध बेतहाशा बढ़े- 2022 में साइबर अपराधों के 65,893 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 के 52,974 मामलों की तुलना में 24.4% अधिक हैं। वहीं, 19 महानगरों में साइबर अपराध से जुड़े मामलों में 42.7% की वृद्धि हुई। साइबर अपराध के सबसे ज्यादा 64.8 फीसदी मामले (42,710) धोखाधड़ी के मकसद से जुड़े थे। 5.2 फीसदी% यौन शोषण के थे।

राज्यवार आंकड़े देखने पर उत्तर प्रदेश अपहरण के मामले में सबसे आगे है। इस राज्य में 2022 में अधिकतम 16,262 मामले दर्ज किए गए। 2021 में यूपी में 14,554, जबकि 2020 में 12,913 अपहरण के मामले दर्ज किए गए थे। इस राज्य में अपराध की दर 6.9 थी, जबकि आरोप पत्र दाखिल करने की दर 43.7 थी। एनसीआरबी डेटा के मुताबिक यह आंकड़े राष्ट्रीय औसत से बेहतर हैं।


उत्तर प्रदेश के बाद किन राज्यों का नंबर


अपहरण के मामले में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है। यहां 2022 में 12,260 मामले दर्ज किए गए। 2021 में इस प्रदेश में 10,502, जबकि 2020 में 8,103 अपहरण के मामले दर्ज किए गए थे। इस प्रदेश में अपराध की दर 9.8 थी, जबकि आरोप पत्र दाखिल करने की दर 20.9 थी।

तीसरे नंबर पर बिहार आता है। इस राज्य में 2022 में अपहरण के 11,822 मामले सामने आए। 2021 में बिहार में 10,198, जबकि 2020 में 7,889 अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई गई। वर्ष के दौरान अपराध की दर 9.4 थी जबकि आरोप पत्र दाखिल करने की दर 63 थी। बिहार के बाद चौथे नंबर पर मध्य प्रदेश और पांचवें नंबर पर पश्चिम बंगाल आता है।

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अपहरण के मामले: यहां 2022 में अपराध दर 12.1 रही, जबकि आरोप पत्र दायर होने की दर 26.2 रही।
10,409 (2022),9,511 (2021),7,320 (2020)
पश्चिम बंगाल (West Bengal) में अपहरण के मामले: 2022 में अपराध दर 8.2 रही, आरोप पत्र दायर होने की दर 69.4 रही।
8,088 (2022),8,339 (2021) 9,309 (2020) NCRB के आंकड़ों में हर घंटे 12 लोग का अपहरण